How shiv chalisa lyricsl can Save You Time, Stress, and Money.
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे Shiv chaisa सो फल पाहीं॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब Shiv chaisa के घटवासी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन